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    उपायुक्त

    श्री धर्मेन्द्र पटले
    विद्या ददाति विनयं, विनयाद् याति पात्रताम्।
    पात्रत्वात् धनमाप्रोति धनात् धर्मं तत्: सुखम्।

    विद्या से विनय मिलता है, विनय से पात्रता, पात्रता से धन, धन से धर्म और धर्म से सुख मिलता है। शिक्षा मनुष्य की वह नींव है जिस पर मनुष्य का भविष्य निर्मित होता है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन शिक्षा के प्रति अपने सतत प्रयासों से भारत में ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित करने का सार्थक प्रयास कर रहा है। इस संगठन के मेरे सभी वरिष्ठ अधिकारी, सहकर्मी, शिक्षक और कर्मचारी पूरी लगन से शिक्षा को प्रत्येक छात्र तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास कर रहे हैं। मैं केन्द्रीय विद्यालय संगठन के शिक्षण वातावरण में अपना भविष्य बना रहे सभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।

    धन्यवाद।

    (श्री धर्मेन्द्र पटले)